"मुश्किल"
"मुश्किल" समझ है, मुश्किल नासमझ है।
मुश्किल समझ है मुश्किल की।
समझ गये तो ना मुश्किल है।
ना समझे तो फिर मुश्किल है।
कुछ लोग जीते है देखने के लिये,
कुछ लोग देखते है जीने के लिये।
अहिसंक फिक्र न दिखने दिखाने की ,
जीता हुं बस जीने के लिये।
मोहब्बत मुझसे होती है या मेरे होने से।
ख्वाहिशे पुरी ना हो तो ,
रिश्ता क्यों तोड लेते है मोहब्बत से।
"मुश्किल" समझ है, मुश्किल नासमझ है।
मुश्किल समझ है मुश्किल की।
समझ गये तो ना मुश्किल है।
ना समझे तो फिर मुश्किल है।
कुछ लोग जीते है देखने के लिये,
कुछ लोग देखते है जीने के लिये।
अहिसंक फिक्र न दिखने दिखाने की ,
जीता हुं बस जीने के लिये।
मोहब्बत मुझसे होती है या मेरे होने से।
ख्वाहिशे पुरी ना हो तो ,
रिश्ता क्यों तोड लेते है मोहब्बत से।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें