हम अक्सर किसी समस्या के आने पर कुछ सम्वाद सुनते है। उस वक्त में ऐसा होता था ये होता था। चिन्तन समस्या का नही होता , बस बातें है वक्त की।
तो मैं लिखता हूँ:
वक्त के आने से , वक्त के जाने तक
बेवक्त , वक्त की बात है।
उस वक्त में क्या बात थी
इस वक्त में क्या बात है
अरे बात बात का वक्त होता है
और वक्त वक्त की बात है।
तो मैं लिखता हूँ:
वक्त के आने से , वक्त के जाने तक
बेवक्त , वक्त की बात है।
उस वक्त में क्या बात थी
इस वक्त में क्या बात है
अरे बात बात का वक्त होता है
और वक्त वक्त की बात है।
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