शनिवार, 29 दिसंबर 2012

शेर कुछ कहते है.

आज के हालात पर कुछ कहता हूँ

मैं  तुमसे मिला ना तुम मुझसे , पर साथ पुराना लगता है।
आजादी की नई लड़ाई है ये , पर ख्वाब पुराना लगता है।।


लड़ाई अंधेरों से है मशाल जलाये रखनी है।
टूट कर अकेले बिखर न जाये कोई , ये आस जगाये रखनी है।।


ये दुखद है कि वो चली गई
पर ख़ामोशी से हमें जगा गई


भरोसा क्यों इतना तोड़ दिया ए सियासतदानो
किसी की मौत भी अब साजिश लगती है।

मेरा क्रन्दन गीत है तो गीत गाते जायेंगे
सोये पहरेदार है तो युही जगाते जायेंगे।

क्रंदन गीत गाया मैंने ,पत्थरों से टकरा लौट आया है
घायल पीड़ित लहुलुहान था मै ,मुझे ही बंदी बनाया है।।

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