मानव तस्करी
मासुम सवाल है मासुम जानों का ,
कहाँ ले जा रहे हो, ये तस्करी क्या होती है।
बच्चे बिकते है गरीबी से,
बच्चे उठते है दरिंदगी से ,
दिल नही पसिजते इन जानवरों के ,
हंसते खिलखिलाते बच्चे,
नहीं लगते अच्छे, जो मानव तस्करी होती है।
सब का हिस्सा होता है,
छोटा क्या और बड़ा क्या ,
सब को पता है पर चुप हैं ,
पेट भरने ,कमाने के लिए तो नहीं, तस्करी होती है।
देश का भविष्य बिकता है बाजार में ,
कोठों पर बोली लगती हजार में,
वो देश सपना देखे महाशक्ति का ,
जिस देश में बच्चों की तस्करी होती है।
#अहिंसक
जानवरों की खालों की ,हड्डियों की तस्करी होती है।
इन्सां कैसा जानवर हो गया है,
खुदा के बन्दों (मानवों ) की भी तस्करी होती है।
खुदा के बन्दों (मानवों ) की भी तस्करी होती है।
मासुम सवाल है मासुम जानों का ,
कहाँ ले जा रहे हो, ये तस्करी क्या होती है।
बच्चे बिकते है गरीबी से,
बच्चे उठते है दरिंदगी से ,
दिल नही पसिजते इन जानवरों के ,
हंसते खिलखिलाते बच्चे,
नहीं लगते अच्छे, जो मानव तस्करी होती है।
सब का हिस्सा होता है,
छोटा क्या और बड़ा क्या ,
सब को पता है पर चुप हैं ,
पेट भरने ,कमाने के लिए तो नहीं, तस्करी होती है।
देश का भविष्य बिकता है बाजार में ,
कोठों पर बोली लगती हजार में,
वो देश सपना देखे महाशक्ति का ,
जिस देश में बच्चों की तस्करी होती है।
#अहिंसक
सुन्दर अति सुंदर वर्णन
जवाब देंहटाएंमार्मिक कविता संवेदनशील है ।
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